वर्णन – मुख्यतः यूरिन इन्फेक्शन, पेशाब में जलन के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। हृदय से रक्तवाहिकाओं में रक्त प्रवाह को बेहतर करता है। प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य को उत्तेजित करके या कम करके उसे ठीक करता है। सूक्ष्मजीवों को बढ़ने से रोकने या खत्म करता है
घटक : सफेद चंदन, सुगन्धबाला (खस), नागरमोथा, गम्भारी फल, निलोफर, प्रियंगु, मंजीठ, लाल चन्दन, पाठा, चिरायता, बड़ की छाल, पीपल की छाल, कंचना की छाल, आम की छाल, कपूर, पितपापड़ा, मुलेठी रासना, परवल के पते
उपयोगी : इसके सेवन से पेशाब में धातु जाना, स्वप्नदोष, कमजाेरी, पेशाब की जलन, श्वेत प्रदर, प्रमेह, उपदंश के विकार, अग्निमाद्य और हृदयरोग, अच्छे हो जाते हैं। यह आसव शीतवीर्य होने की वजह से उष्णता को नष्ट करता है।
उपयोग मात्रा : 4 चम्मच दवा, 8 चम्मच पानी सुबह शाम भोजन के तुरन्त बाद आधे घंटे बाद लेना चाहिए।
इसका प्रयोग चिकित्सक के परामर्श से करें



























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