वर्णन:- मासिक धर्म प्रणाली को संतुलित करने में यह अत्यंत लाभकारी हैं |
घटक : पतंगकाष्ट, खैरसार, वासक, मूल, सेमल के फूल, खरेंटी, शुद्ध भिलवा, सारिवा, गुडहल की कली, आम की गुठली की भींगी, दारु हल्दी, चिरायता, पोस्ट के डोडे, सफेद जीरा, लौह भस्म रसोत, बेलगिरी, भांगरा, दालचीनी, केसर, लौंग
उपयोगी : इसके सेवन से रक्त-श्वेत प्रदर, दर्द के साथ रज निकलना, ज्वर, पाण्डु, सूजन, अरुचि, अग्निमान्ध, गर्भाशय के अवयवसो की शिथिलता, कमजोरी दुष्टार्तव आदि रोग को नष्ट करता है। स्त्रीत्व की रक्षा एवं शारीरिक सुडोलता व संदुरता के लिए उत्तम है।
उपयोग : 4 चम्मच दवा, 4 चम्मच पानी सुबह शाम भोजन के तुरंत बाद लेना चाहिए या चिकित्सक परामर्श अनुसार
इसका प्रयोग चिकित्सक के परामर्श से करें

















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