वर्णन- आयुर्वेदक में मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं के लिए अशोक, दारुहरिद्रा, हरीतकी व बिभीतकी जैसी 15 जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है. अशोकारिष्ट को बनाने के लिए इन जड़ी-बूटियों को ऑर्गेनिक तरीके से उगाया जाता है. इन औषधियों की शुद्धता कायम रहे, इसलिए इन्हें खेतों से निकालने के लिए मशीन की जगह हाथों का इस्तेमाल किया जाता है और आयुर्वेद के पारपंरिक तरीके से इन औषधियों का अर्क निकाल कर दवा बनाई जाती है.
घटक : अशोक की छाल, गुड़, धाय के फूल, स्याह जीरा, नागरमोथा, सोंठ, दारुहल्दी, नीलोफर, हरड़ बहेड़ा, अमला, आम की मींगी, सफेद जीरा, वासक मूल और सफेद चंदन
उपयोगी : स्त्रियों को होने वाले प्रमुख रोग जैसे – रक्त श्वेत प्रदर, पीड़ितार्तव, पाण्डु, गर्भाशय व योनि भ्रंश, डिम्बकोष, प्रदाह, हिस्टीरिया, बन्ध्यापन तथा ज्वर, रक्तपित, अर्श, मन्दाग्नि, सूजन, अरुचि इत्यादि रोगों को नष्ट करता है।
उपयोग : 4 चम्मच दवा, 4 चम्मच पानी सुबह शाम भोजन के पहले या भोजन के तुरन्त बाद लेना चाहिए।
इसका प्रयोग चिकित्सक के परामर्श से करें
























There are no reviews yet.